pratilipi-logo પ્રતિલિપિ
ગુજરાતી

રચના 24 એપ્રિલ 2020

17
1

ये बडी़ बड़ी इमारतें मूजे अंदर ही अंदर दफना रहीं हैं, न जाने कई दिनों से मुजे मेरे गांव की याद आ रही हैं, वहां लोग इतनें खास तो नहीं जिनसे मिलने को बेताब हूं, बस मेरी माँ है जो मूजे खत लिख कर ...