हिन्दु न मुशलमां हूँ मैं ।
न गीता न कुरान हूँ मैं ।।
फरिश्ता न शैतान हूँ मैं ।
अदना सा ईन्शान हूँ मैं ।।
वो बुत परस्त और हम यवन कहेगे ।
वो काफिर और हम हेवान कहेगे ।।
बता ए मेरे खुदा कब तक और कब
हम एक दुसरे को ईन्शान कहेगे ।।
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સમસ્યાનો વિષય
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