इस पाठ को आप चाहे तो सम्पुटित भी कर सकते है अपनी मनोकामना के अनुसार इस मन्त्र से...... ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद-प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महा-लक्ष्म्यै नमः। ॐ दुर्गे ! स्मृता हरसि ...
અભિનંદન! इस पाठ को आप चाहे तो सम्पुटित भी कर सकते है अपनी मनोकामना के अनुसार इस मन्त्र से..
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद-प्रसीद श्रीं ह्रीं श्र રચના પ્રકાશિત થઇ ગઈ છે. આપના મિત્રો સાથે રચના શેર કરો અને એમનો પ્રતિભાવ જાણો
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