ज़िन्दगी की ठक-ठक.. एक सिपाही अपने घोड़े पर सवार होकर राज्य की सीमाओं का निरीक्षण करने निकला। घंटों चलने के कारण सिपाही और घोड़ा दोनों ही थक गए थे। सिपाही ने तो अपने पास रखे पानी से प्यास बुझा ली पर ...
ज़िन्दगी की ठक-ठक.. एक सिपाही अपने घोड़े पर सवार होकर राज्य की सीमाओं का निरीक्षण करने निकला। घंटों चलने के कारण सिपाही और घोड़ा दोनों ही थक गए थे। सिपाही ने तो अपने पास रखे पानी से प्यास बुझा ली पर ...