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સાઈન ઇન
किस को क्या मिला इसका कोई हिसाब नही तेरे पास रूह नही मेरे पास लिबास नही जेशे ऊपर उठाने में वक्त लगता है फिर ओ सूरज ही क्यों न हो धीरे धीरे उगता है
तुजे याद कर लिया है आयात की तरह अब तेरा जिक्र हो इबादत की तरह.
तुजे याद कर लिया है आयात की तरह अब तेरा जिक्र हो इबादत की तरह.
સમસ્યાનો વિષય
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