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ગુજરાતી

किस को क्या मिला इसका कोई हिसाब नही  तेरे पास रूह नही मेरे पास लिबास नही जेशे ऊपर उठाने में वक्त लगता है फिर ओ सूरज ही क्यों न हो धीरे धीरे उगता है